Lipoma In Hindi / लाइपोमा क्या होता है

आजकल लाइपोमा की समस्या बहुत आम हो गई है, हर कोई इसके बारे में जानता है और जानना चाहता है, मेरे क्लीनिक में आने वाले 10 परसेंट लोग लाइपोमा के ही होते हैं. जनरल तौर पर देखा जाए तो अगर एक या दो चर्बी की घटाने होती है तो मरीज डॉक्टर के पास जाना नहीं चाहते पर अगर शरीर पर बहुत सारी चर्बी की गांठे यानी लाइपोमा दिखता है तो डॉक्टर की सलाह लेने मरीज आ जाते हैं. इस आर्टिकल आपको मैं लाइपोमा क्या होता है Lipoma in hindi यही डिटेल में समझाना चाहता हूं.

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हमारे पूरे शरीर के त्वचा के अंदर चर्बी की एक परत होती है. वही चर्बी जब अपना मुलायमपना छोड़कर कड़क बन जाती है तो अपने हाथ को एक गठान महसूस होने लगती है. और वह धीरे-धीरे बढ़ने लगती है . इसी गठान को हम लाइपोमा कहते हैं. किसी को 1- 2  गठान या किसी को 10 – 12  गठानें भी हो सकती है. इन लाइपोमा में अमूमन दर्द नहीं होता.

यह  शरीर के कोई भी हिस्से में हो सकती हैं हाथ पैर की चर्बी पेट की चर्बी पेट की चर्बी यह जगह कॉमन है. कभी-कभी तो ऐसी गठान पेट के अंदर भी बन जाती है. खास बात यह है कि पेट के अंदर बनने वाले  गठानें बहुत ज्यादा घातक होते हैं.

लाइपोमा बनने के कारण Cuses of lipoma

देखा जाए तो लाइपोमा बनने का कोई कारण अभी तक साइंटिस्ट ढूंढ नहीं पाए हैं. पर सबसे ज्यादा कॉमन कारण आनुवंशिकता है जिसमें शरीर पर बहुत ज्यादा गठानें बनती है. जिसको हम मल्टीपल लिपोमाटोसिस कहते हैं. जिनके माता-पिता या दादा -दादी को बहुत ज्यादा शरीर पर गठान हैं वह मल्टीपल लिपोमाटोसिस  के बीमारी से हो सकते हैं और अगर ऐसा है तो उनके बच्चे और पोतों में भी यह बीमारी दिख सकती है.

अन्य कारणों में शामिल है ओबेसिटी, हाइपर कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स.

इसके अलावा यह बीमारी ऐसे लोगों में आमतौर पर पाई जाती हैं जो जिम जाकर मसल बनाने के लिए एक्सरसाइज करते हैं.

मुझे लगता है कि एक्सरसाइज करने से या जिम जाने से यह गठानें नहीं बनती पर एक्सरसाइज करने से मसल बल्क जो बढ़ता है उसकी वजह से छोटी- मोटी गठानें  स्किन के ऊपर उभरकर आती है और दिखने लगती है. इसके साथ कई लोग बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. इस स्टेरॉयड के इस्तेमाल से भी चर्बी की गठानें  का खतरा रहता है. लेकिन साफ तौर पर इन प्रोटीन पाउडर या स्टेरॉयड का  गठनोंसे कोई संबंध है, ऐसा हम कह नहीं सकते.

अन्य कारणों में त्वचा के ऊपर मार लगना भी शामिल है. किसी भी प्रकार का मार अंदर की चर्बी को डैमेज करता है और वहां की चर्बी कड़क बन जाती है. उसी से गठान बनना शुरू हो जाता है. 

 Age and sex for lipoma in Hindi

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि यह किस उम्र में होता है और ज्यादातर लेडीस में होता है या जेंट्स में. आमतौर पर यह 18 साल के ऊपर 70 80 साल तक किसी को भी हो सकता है. लाइपोमा की बीमारी लेडीस और जेंट्स दोनों में पाई जाती है. पर जैसा कि मैंने कहा बॉडी बिल्डर लोगों में यह ज्यादा दिखती है इस वजह से ज्यादातर मरीज जेंट्स दिखाई देते हैं. पर मुझे लगता है कि लेडीस लोग शर्म के मारे दवाखाने में नहीं जाती और इसका इलाज नहीं करवाते. अन्यथा लेडीस और जेंट्स दोनों में भी यह बीमारी बराबर की पाई गई है. आशा करता हु की इस लिपोमा इन हिंदी lipoma in hindi आर्टिकल से आपकी शंकाये दूर हुई होगी .

Sign and symptoms of Lipoma in Hindi 

गठनों को हाथ लगाने पर या दबाने पर आपको कोई दर्द नहीं होगा. आपकी त्वचा के अंदर आपको एक गोलाकार या अंडे के आकार की छोटी से बड़ी गठान हाथ को  लगेंगी. जो आपको अन्य चर्बी से थोड़ी सी कड़क लगेगी. लेकिन उसमें कतई दर्द नहीं रहेगा. आप के ज्यादा जोर से  दबाने  पर हल्का सा दर्द महसूस हो सकता है. पर आप को कोई भी काम करने में कठिनाई नहीं आएगी और ना ही ऐसा लगेगा कि इस लाइपोमा की वजह से आपको कोई तकलीफ है.

अगर लाइपोमा बहुत ज्यादा बड़ा हो गया है जैसे 10 से 15 सेंटीमीटर बड़ा गोला बन गया है तो फिर आपको दर्द हो सकता है. काम करने में दिक्कत हो सकती है. या आपको कपड़े पहनने में शर्म महसूस हो सकती है.

अक्सर लोग तो सिर्फ कॉस्मेटिक रीजन से ही हमारे पास आते हैं कि डॉक्टर साहब यह हाथ पर जो लाइपोमा हैं, यह ठीक नहीं दिख रहा है. इसलिए हमें इसे निकालना है. आप ऑपरेशन करवा दीजिए.

या फिर डॉक्टर साहब पैर में जो गठानें हैं, वह पैंट  पहनते समय चुभती या फिर हम बाहर घूमने अगर जाए तो बरमूडा नहीं पहन सकते, अच्छा नहीं दिखता, इसीलिए निकलवा दीजिए.

अन्यथा छोटी – मोटी लाइपोमा के मरीज दवाखाने में जाते ही नहीं है.

जब गठाने बहुत ही बड़ी होती है तो आजू-बाजू की नसों को भी दबाना शुरु करती है. अगर ऐसा होता है तो आपको हाथ की उंगलियों में झुनझुना – पन महसूस हो सकता है. पैर की उंगलियों में भी झुनझुना – पन महसूस हो सकता है. या फिर आपको ऐसा लग सकता है कि जिस जगह पर गठान है उसके आजू बाजू के एरिया में कुछ अलग दर्द बना हुआ है. या फिर उस गठान से लगातार प्रेशर की वजह से आपकी हाथों की उंगलियां सुन हो रही है.

ऐसा भी हो सकता है कि उस गठान की वजह से आपकी चमड़ी अत्याधिक पतली हो गई है. उस वजह से उसके ऊपर के बाल झड़ गए हैं और वह चमड़ी कुछ अलग रंग की बन गई है.

तो यह सभी लाइपोमा के साइन- सिम्टम्स हो सकते हैं. इसके अलावा भी काफी परेशानियां आपको झेलना पड़ सकता है. लिपोमा इन हिंदी lipoma in hindi इस आर्टिकल में संक्षिप्त में साडी जानकारी देने का प्रयास किया गया है . फिर भी कुछ आपके सवाल हो तो आप कमेंट में जरूर लिखे .

Treatment available लिपोमा का ट्रीटमेंट

लाइपोमा का ट्रीटमेंट अगर आप करना चाहते हो तो आपको लाइपोमा सर्जरी से निकालना ही पड़ेगा. क्योंकि इसका मेडिसिन द्वारा कोई इलाज होता नहीं है.

 अन्य पैथी जैसे आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, युनानी मेडिसिन, यह दावा करते हैं कि उनकी दवाई से लाइपोमा  गल जाएगा या फिर अपने आप ठीक हो जाएगा. पर ऐसा कुछ होता नहीं है. सालों- साल दवाई खाने के बाद भी आपको यह समझ आ सकता है कि जितना साइज ट्रीटमेंट चालू करने के पहले था उतना ही साइज आज ट्रीटमेंट खत्म होने के बाद है. या फिर ऐसा भी हो सकता है कि लाइपोमा का साइज और बड़ा हो गया.

इसीलिए अगर आपको सही मायने में इलाज करना है तो आपको ऑपरेशन हीं करवाना पड़ेगा.

इसमें ऑपरेशन के दो टाइप से.

एक है लोकल एनएसथीसिया में लाइपोमा निकालना.

दूसरा है जनरल एनएसथीसिया में लाइपोमा निकालना.

अगर आपको केवल 1-2-3, इतनी ही लाइपोमा है तो आप लोकल एनएसथीसिया में ऑपरेशन करके lipoma निकाल सकते हैं. पर अगर आपको हाथ, पैर, पेट, पीठ, इन सब जगह 4-5 से 10-20 लाइपोमा है, और आपको पूरे एक ही सेटिंग में निकालना है, तो आपको जनरल एनएसथीसिया में लाइपोमा निकालना पड़ेगा.

लोकल  में जब लाइपोमा निकालते हैं तो आपको भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती. आपके लाइपोमा के आजू-बाजू में इंजेक्शन लगाकर जगह को सुन कर दिया जाता है. और लाइपोमा निकालने के बाद टांके लगाए जाते हैं.

 हर लाइपोमा के लिए एक अलग चीरा लगाया जाता है. ऐसे में आपको जितने लाइपोमा है उतने टांके लग सकते हैं. उतने ही छोटे-छोटे चीरे लग सकते हैं. लेकिन आपको इस में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. आपको तुरंत 1 घंटे के बाद छुट्टी मिल जाएगी. और आपको ज्यादा दिन आराम करने की भी जरूरत नहीं है. आप दूसरे या तीसरे दिन काम पर जा सकते हैं. आपके टांके 8 दिन के बाद निकाले जाएंगे. और आपकी प्रोसीजर खत्म हो जाएंगी.

इसके अलावा अगर आपको बहुत ज्यादा मात्रा में लाइपोमा पूरे बॉडी पर है, तो आपको भर्ती होना पड़ेगा. आपको जनरल एनएसथीसिया देना पड़ेगा. और आपके बॉडी के पूरे लाइपोमा निकालने की प्रोसीजर करना पड़ेगा. इसमें  लिपोसक्शन सर्जरी से पूरे लाइपोमा निकाल सकते हैं.

जैसे हाथ पर आपको एक ही जगह पर चार पांच लाइपोमा है तो उस जगह के लाइपोमा निकालने के लिए केवल एक छोटा चीरा लगाकर उसमें से एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट अंदर डाल दिया जाएगा और वह स्पेशल मशीन से आपकी लाइपोमा की चर्बी को खींच लेगा. ऐसा करने से आपको हर लाइपोमा के लिए कोई अलग से चीरा नहीं लगेगा केवल एक ही चीरे में काम हो जाएगा. पर वह केवल उसी एरिया के लाइपोमा निकाल सकता है. दूसरे हाथ के लिए और एक छोटा चीरा  लगेगा और उसमें से बाकी चार पांच लाइपोमा निकाल दिए जाएंगे.

 ऐसा ही आपके पेट के लाइपोमा के लिए और पैर के लाइपोमा के लिए किया जाएगा. यह सब सर्जरी में आप बेहोश रहेगी क्योंकि आपको जनरल एनएसथीसिया दिया जाएगा. इसके बाद भी आपको कम से कम 24 घंटा भर्ती रखा जाएगा और उसी के बाद आपकी छुट्टी हो सकती है. छुट्टी के बाद आपको 2 दिन घर में आराम करने के लिए कहा जाएगा. उसके बाद आप काम पर जा सकते हैं.

Surgery cost of lipoma in Hindi

केवल एक गठान अगर है तो आपका लोकल एनएसथीसिया में ऑपरेशन का खर्चा कम से कम 5000 आएगा. अगर आपको 4-5 गठानें हैं और लोकल एनएसथीसिया में ऑपरेशन हो सकता है तो 10,000 से 15000 तक के खर्चे में यह हो सकता है. पर अगर आपको पांच से ज्यादा गठानें हैं और पूरे बॉडी पर गठानें हैं. और सब को एक साथ निकालना है चाहे आपको भर्ती होना पड़े. तो फिर आपका खर्चा 40,000 से 50000 तक हो सकता है.

और अगर आपको लाइपोसक्शन ऑपरेशन से गठानें निकालना है तो आपका खर्चा 60 से 70000 तक आ सकता है.

यह सभी खर्चे में एक मिडल लेवल हॉस्पिटल को सोचकर बता रहा हूं. अगर बहुत ही मामूली हॉस्पिटल में आप जाते हो तो इससे कम भी खर्चा आ सकता है. और एक अच्छे हाई-फाई कारपोरेट Hospital में आप जाते हो, तो इससे ज्यादा भी खर्चा आ सकता है. यह खर्चा केवल मात्र अनुमान  बताने के लिए लिखा गया है. इसका कतई यह मतलब नहीं कि एक्जेक्टली इतना ही खर्चा आएगा.

Frequently asked questions

लिपोमा होने पर क्या नहीं खाना चाहिए ?

लाइपोमा होने पर आप तली हुई चीजें, अत्याधिक तेल में पकाई हुई चीजें, चर्बी युक्त चीजें नहीं खाना चाहिए. ऐसा करने से आपका लाइपोमा और बड़ा हो सकता है.

लिपोमा कितने प्रकार के होते हैं ?

लाइपोमा दो प्रकार के होते हैं. एक प्रकार है कि  कैप्सूलेटेड और दूसरा प्रकार है अन-कैप्सूलेटेड.
कैप्सूलेटेड में लाइपोमा एक कवरिंग के अंदर होता है और इसे निकालने में आसानी होती है.
एन-कैप्सूलेटेड लाइपोमा के ऊपर कोई कवरिंग नहीं होती. और इसे निकालना बेहद मुश्किल होता है. कई बार इसके कुछ टुकड़े अंदर ही रह जाते हैं.

क्या लिपोमा कैंसर हो सकता है?

कभी-कभी लाइपोमा कैंसर में बदल जाता है. अक्सर पेट के अंदर रहने वाले लाइपोमा कैंसर में बदल जाते हैं क्योंकि उन्हें समय रहते नहीं निकाला जाता. या फिर वह जल्दी डायग्नोसिस नहीं हो पाते. इसका एग्जांपल है रेट्रोपेरीटोनियल लाइपोमा जो अक्सर लाइपो सार्कोमा बन जाते हैं.

लिपोमा क्यों होता है?

लाइपोमा हमारे शरीर की चर्बी अत्याधिक जमा होने से होता है. अगर आप मोटापे के शिकार है,आप कभी व्यायाम नहीं करते, आप अत्याधिक तेल की मात्रा का सेवन करते हैं, तो आपको  लाइपोमा हो सकता है.
अगर आपके माता पिता को लाइपोमा की बीमारी है तो आपको भी यह बीमारी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. अगर आप बॉडी बिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड खाते हैं तो भी आपको लाइपोमा होने के चांसेस बनते हैं.

क्या लिपोमा का इलाज संभव है?

हां लाइपोमा का इलाज संभव है. लेकिन केवल ऑपरेशन द्वारा ही सक्सेसफुल इलाज हो सकता है. कुछ दवाइयां दावा करते हैं कि इससे लाइपोमा ठीक हो जाता है पर कई सालों की स्टडी होने के बाद यह पता चलता है कि इसका दवाई द्वारा कोई इलाज नहीं है.

कैसे पता चलेगा कि गांठ कैंसर है?

गांठ कैंसर की है कि नहीं यह पता करने के लिए आपको एफएनएसी  FNAC जांच करना पड़ेगा या फिर पूरी गांठ को सर्जरी द्वारा निकालकर जांच के लिए भेजना पड़ेगा. और किसी भी जांच द्वारा, जैसे सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, इनके द्वारा यह समझना मुश्किल है कि आपको क्या कैंसर है कि नहीं.

लिपोमा इन हिंदी Lipoma in hindi, आर्टिकल लिखने का मेरा उद्देश्य आपको समझना था की लिपोमा क्या होता है . आशा करता हु मेरा ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा .