Zinc : must need nutrition in your diet.

 

    वृद्धावस्था में रोगों का खतरा बढऩे की एक वजह उनमें जिंक का स्तर कम होना भी है। ‘द अमरीकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन’ में छपे एक शोध के मुताबिक जिंक का स्तर घटने से बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।    वृद्धावस्था में रोगों का खतरा बढऩे की एक वजह उनमें जिंक का स्तर कम होना भी है। ‘द अमरीकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन’ में छपे एक शोध के मुताबिक जिंक का स्तर घटने से बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में यदि बुजुर्ग, विशेषज्ञ की सलाह से नियमित जिंक सप्लीमेंट लें तो उनके टी-सेल्स की संख्या बढ़ेगी जिससे न सिर्फ उनकी सेहत में सुधार होगा बल्कि उनमें संक्रमण से होने वाले रोगों का खतरा भी घटेगा। वृद्धावस्था में पुरुष को एक दिन में 11 मिलिग्राम और महिला को आठ मिलिग्राम जिंक की जरूरत होती है। जिंक की पूर्ति के लिए कद्दू के बीज, लहसुन, मटर, पालक, टोफू, अखरोट, काजू, बादाम, साबुत अनाज और बींस आदि खा सकते हैं।

पनीर

पनीर का सेवन लोग प्रोटीन की पूर्ति के लिए करते हैं। लेकिन आपको यह भी याद होना चाहिए। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन के साथ जिंक भी पाया जाता है। इसलिए आप पनीर यानी डेयरी प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं , जिसमें दूध दही हो।

तिल

तिल का सेवन करने से भी हमारे शरीर को जिंक की पूर्ति होती है। तिल काला या सफेद दोनों तरह का सेवन कर सकते हैं। तिल में विटामिन ए , सी को छोड़कर बाकी सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में जिंक के साथ विटामिन बी 6 और आयरन भी पाया जाता है।

 

बाजरा

बाजरा का सेवन वैसे तो लोग ठंड के मौसम में अधिक करते हैं। क्योंकि यह थोड़ा गर्म होता है। लेकिन लोगों को यह पता नहीं है कि इसमें जिंक पर्याप्त होता है। बाजरा सुपर न्यूट्रिएंट्स और जिंक से भरपूर होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। बाजरे का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

काला चना –

काला चना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन और जिंक पर्याप्त मात्रा में रहता है।और फाइबर भी होता है।

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