फिशर के लिए बेस्ट क्रीम Fissure Ke Liye Cream जब हम ढूंढना चाहते हैं तो सबसे पहले हम अपने दोस्तों को पूछते हैं और उनके जानकारी के अनुसार क्रीम लेते हैं. उसके बाद हम फार्मेसी में जाते हैं और फार्मासिस्ट को पूछते हैं कि फिशर के लिए बेस्ट क्रीम कौन सी रहेगी. जब यह दोनों तरीके से हम अपनी फिशर की बीमारी ठीक नहीं कर पाते तब हम डॉक्टर के पास जाने की सोचते हैं. और हम डॉक्टर को कहते हैं कि सर मेरे फिशर के लिए बेस्ट क्रीम आप लिख दीजिए ताकि मेरी फिशर की बीमारी जल्दी से जल्द ठीक हो जाए. दोस्तों आज इस आर्टिकल में मैं आपको फिशर के बेस्ट क्रीम कौन सी है इसके बारे में बता रहा हूं ताकि आपको अड़ोस पड़ोस या फार्मेसिस्ट से सलाह लेने की जरूरत नहीं होगी. अगर आप डॉक्टर के पास जाना चाहते हो तो यह सबसे बेस्ट सॉल्यूशन है.
Types of fissure cream
फिशर के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रीम के मैन थ्री कंटेंट्स होते हैं.
1) Diltiazem hydrochloride
2) Nifedipine
3) Nitroglycerine
कोई भी क्रीम में यह तीन में से एक कंटेंट होता है और उसके साथ अन्य कंटेंट मिले हुए होते हैं. यह तीनों कंटेंट का काम फिशर के आजू बाजू के ब्लड सप्लाई को बढ़ाना होता है. ब्लड सप्लाई बढ़ने की वजह से फिशर का अल्सर हिल होता है और आपका दर्द कम हो जाता है.
यह सभी क्रीम Lidocaine के साथ भी आती है. Lidocaine लोकल एनएसथीसिया का काम करता है जिस वजह से क्रीम लगाने के तुरंत बाद आप का दर्द कम हो जाता है. लेकिन इसकी वजह से फिशर हिल नहीं होता.
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How to apply cream
इन तीनों में से आप कोई भी क्रीम इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर एक क्रीम 15 दिन लगाने के बाद आपका दर्द अगर कम नहीं हो रहा तो आप दूसरी क्रीम लगाना शुरू कर दे. कभी-कभी हो सकता है की कोई एक क्रीम आपको सूट नहीं कर रही. दूसरी क्रीम लगाने से आपको जरूर रिजल्ट मिलेगा.
आइए देखते हैं कि हमें क्रीम कैसे लगाना चाहिए.
यह क्रीम आपको सुबह नहाने के बाद और रात में सोने के पहले लगाना चाहिए. क्रीम लगाने के लिए आप टॉयलेट के सीट पर बैठ जाए. आप कोई भी टॉयलेट सीट का इस्तेमाल कर सकते हैं. चाहे वह इंडियन हो या वेस्टर्न कमोड टॉयलेट सीट हो. लैट्रिन की सीट पर बैठने के बाद आपको लैट्रिन की जगह को ओपन करनी है. फिर एक उंगली पर क्रीम लगाकर लैट्रिन के जगह पर वह उंगली से क्रीम लगाना है. ध्यान रहे आपको उंगली लैट्रिन के जगह के अंदर नहीं डालनी है. ऐसा करने से आपको तकलीफ हो सकती है.
इन क्रीम के साथ आपको नोजल या फिर सिरिंज मिल सकती है. उसके ऊपर लिखा भी रहेगा कि आप नोजल लगाकर नोजल को अंदर लैट्रिन की जगह डाल दीजिए. या फिर आप सिरिंज द्वारा क्रीम को खींचकर वह सिरिंज को लैट्रिन के जगह डाल दीजिए. पर ऐसा करने से आपका फिशर डैमेज हो सकता है और आपका दर्द बढ़ सकता है.
इसीलिए सही तरीका यही है कि आप अपने उंगली से ही क्रीम लगाएं. आप कदापि यह ना सोचे कि आप की क्रीम अंदर तक नहीं जाएगी. जब आप उठकर खड़े हो जाएंगे तो आप की क्रीम अपने आप लैट्रिन की जगह के अंदर चली जाएगी.
याद रहे यह क्रीम कोई पेन किलर क्रीम नहीं है. इसीलिए अगर आप लैट्रिन के तुरंत बाद इसे लगाते हो तो आपका पेन कम नहीं होगा.
जिस क्रीम में लीडोकेन Lidocaine मिला हुआ है वह क्रीम लगाने से आपका दर्द थोड़ी देर के लिए कम हो सकता है. फिर भी मेरी सलाह यही है कि आप यह क्रीम लैट्रिन के तुरंत बाद नहीं लगाए. सिर्फ नहाने के बाद और सोने के पहले दो बार लगाए. चाहे तो आप अगर समय मिलता है तो दोपहर में भी एक बार लगा सकते हैं.
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Fissure ke liye best cream
अगर आप पूछेंगे कि इन तीनों में से Fissure Ke Liye Best Cream फिशर के लिए बेस्ट क्रीम कौन सी है तो मैं इन तीनों से क्रीमैजेल को कहना चाहूंगा. CremaGel के दो टाइप है. एक है Cremagel और दूसरी है Cremagel- L.
इसमें और भी एक सिमिलर नाम आता है वह है Crema-Ano. पर यह क्रीम फिशर के लिए नहीं है. इसलिए अगर कोई फार्मासिस्ट यह क्रीम आपको सिमिलर क्रीम है समझ कर देता है तो आप मना कर दे.
CremaGel इस क्रीम में Diltizem hydrochloride कंटेंट होते हैं. यह एक कैलशियम चैनल ब्लॉकर दवाई है जो फिशर के और sphincter muscles के कैलशियम चैनल को ब्लॉक कर देता है जिस वजह से उस जगह का ब्लड सप्लाई बढ़ जाता है. इस सप्लाई के बढ़ जाने से sphincter muscles मसल रिलैक्स होती है और फिशर हिल होने लगता है. इस वजह से यह क्रीम Fissure Ke Liye Best Cream साबित होती है.
अगर आप Cremagel-L इस्तेमाल करते हैं तो इसमें Diltiazem के साथ Lidocaine मिला हुआ होता है. इस Lidocaine की वजह से आपको लैट्रिन की जगह का दर्द कुछ देर के लिए कम हो जाता है. लेकिन यह आपके फिशर को हिल करने में मदद नहीं करता.
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CremaGel and CremaGel-L cream
यह दोनों भी क्रीम Abbott कंपनी की है. Abbott कंपनी एक विश्वस्तरीय जानीमानी फार्मासिटीकल कंपनी है. इसलिए यह दोनों भी क्रीम Fissure Ke Liye Best Cream है. बाकी कंपनियों की तुलना में इनके प्रोडक्ट के रिजल्ट हमेशा ही अच्छे होते हैं. इसलिए आप भी इन प्रोडक्ट को इस्तेमाल करके देखें.
Cremagel-L and Cremagel Doses
इन दोनों क्रीम को दिन में दो से तीन बार लगा सकते हैं. अगर आपको दिन में तीन बार लगाना पॉसिबल नहीं है तो आप कम से कम 2 बार लगाना ही चाहिए. इस क्रीम को सुबह नहाने के बाद और रात में सोने के पहले लगाना चाहिए. बेड पर सो कर या फिर खड़े होकर यह क्रीम कभी नहीं लगाए. ऐसा लगाने से आप की क्रीम लैट्रिन के जगह तक पहुंचेंगे ही नहीं.
जैसा कि मैंने बताया है यह क्रीम केवल लैट्रिन के सीट पर बैठकर ही लगाना चाहिए. CremaGel-L इस क्रीम के साथ आपको एक छोटी सिरिंज मिलती है. जो सिर्फ आपको एक सिंगल डोज ट्यूब से बाहर निकलने का काम करती है. उसके बाद वह क्रीम अपने उंगली पर लेकर लैट्रिन की जगह लगाना चाहिए.
CremaGel के साथ ऐसी कोई सिरिंज नहीं मिलती. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आप डायरेक्ट ट्यूब से अपनी उंगली पर क्रीम लेकर लगा सकते हैं.
इस क्रीम के इस्तेमाल से एक-दो दिन में अगर आपको सर दर्द होने लगता है तो इस क्रीम का इस्तेमाल आप बंद कर दें.
Cremagel cream side effects
वैसे तो इस क्रीम के कोई साइड इफेक्ट नहीं है. पर 5 परसेंट लोगों में इस क्रीम के वजह से सर दर्द हो सकता है. अगर ऐसा है तो आप यह क्रीम इस्तेमाल करना बंद कर दे. अगर आपको प्रेगनेंसी है तो भी यह क्रीम यूज करने के लिए सेफ है. पर इस क्रीम को अपने मन से नहीं लगाए. आपके गायनेकोलॉजिस्ट से इस बारे में सलाह जरूर लें.
Frequently asked questions
फिशर परमानेंटली ठीक हो सकता है. अगर इनिशियल स्टेज में ट्रीटमेंट चालू करते हैं तो केवल 2 महीने में यह पूरी तरह ठीक हो सकता है. अगर आपका फिशर 6 महीने से ज्यादा पुराना है तो भी इसे ठीक किया जा सकता है. पर कभी-कभी ऐसे cases में ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है. यकीन मानिए ऑपरेशन के बाद क्रॉनिक फिशर भी पूरी तरह परमानेंटली ठीक हो जाते हैं.
क्रॉनिक फिशर केवल दवा दवाई द्वारा पूरी तरह ठीक होने के चांसेस 50-50% होते हैं. ऐसे में अगर इनका लेजर सर्जरी किया जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो जाते हैं.
वैसे तो कोई भी परहेज किसी भी बीमारी को ठीक नहीं कर सकता. पर परहेज करने से आपका कॉन्स्टिपेशन ठीक होने में मदद मिल सकती है. अगर किसी को सिर्फ रोटियां खाने से अगर कॉन्स्टिपेशन होता है तो उन्होंने वह बंद करना चाहिए केवल चावल खाना चाहिए. वैसे ही सिर्फ चावल खाने से भी आपको कॉन्स्टिपेशन हो सकता है. ऐसे में आपने चावल तुरंत बंद करना चाहिए. यही एक परहेज का सही तरीका है. अन्यथा बाकी दोस्तों द्वारा या रिश्तेदार द्वारा सुझाए गए परहेज कोई भी काम के नहीं रहेंगे. आप सालों साल सिर्फ परहेज ही करते रहेंगे पर आप की बीमारी वैसे ही रहेंगे. उल्टा आप की बीमारी बढ़ने के चांसेस ज्यादा हो जाएंगे.
फिशर में सबसे अच्छी क्रीम Cremagel मानी गई है. क्योंकि इसके साइड इफेक्ट बहुत ही कम है. और यह सभी उम्र के मरीज में दी जा सकती है. इसे 5 साल के ऊपर के बच्चे के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है.
फिशर के लिए कौन सा इलाज बेहतर है?
फिशर अगर इनिशियल स्टेज में है तो केवल दवाई द्वारा इलाज कारगर साबित हो सकता है. आप रेगुलर 2 महीने क्रीम लगाइए. साथ में कोई दवाइयां ले और आपके कॉन्स्टिपेशन को कंट्रोल में रखें, तो आपका फिशर जल्दी ही ठीक हो जाएगा.
अगर आपको क्रॉनिक फिशर है और क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन भी है तो फिर आपको केवल दवाई द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता. इसके लिए आपको ऑपरेशन करवाना ही पड़ेगा. लेकिन यकीन मानिए आप बिल्कुल ठीक हो जाओगे अगर ऑपरेशन भी करवा लिए तो. कई लोग ऑपरेशन के बाद भी ठीक होंगे या नहीं इस बात पर डाउट करते रहते हैं और ऑपरेशन को टालते रहते हैं. ऑपरेशन को टालना याने फिशर की बीमारी बढ़ाना होता है. यह फिशर की बीमारी आगे जाकर फिस्टुला बन सकती है जो एक भयानक बीमारी होती है.
फिशर की बीमारी लैट्रिन के मार्ग से अत्याधिक हार्ड लैट्रिन निकलने से होती है. जब भी आप कब्ज के शिकार होते हैं आपकी लैट्रिन कड़क हो जाती है जिसे बाहर निकालते समय एनल कैनल के ऊपर छाले बन जाते हैं. इन छाले की वजह से आपको जलन महसूस होती है. इनको अगर समय रहते ठीक नहीं किया गया तो हर दिन कड़क लैट्रिन पास होने की वजह से यह छाले बड़े बन कर फिशर बन जाते हैं.