Corona Mahamari : Maharashtra

1 दिन में पूरे भारत में 3,50,000 न्यू केसेस कोरोना के पाए गए हैं. यह बहुत ही डरावनी बात है. अब आप दर्शक यह सोचेंगे कि इसमें हमारी क्या गलती है. यह सब सरकार की गलती है. सरकार कोरोनावायरस को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है. वह नाकामयाब हो गई है. उसे तो अपने पॉलिटिक्स की ही पड़ी है.

ऐसी बातें आप लोगों के मन में आना एक नॉर्मल बात है. पर दोस्तों मैं आपको यही बताना चाहता हूं कि यह गलती सरकार  की नहीं है. यह गलती हमारी है. हमारे सोसाइटी की है. हमारे गलत विचार धाराओं की है. हमारे नियम नहीं पालने की नीति की वजह से यह परिस्थिति आ चुकी है.

 

नहीं हो सकता ? ऐसे कैसे आप बोल रहे हो.? हमने क्या किया ? हमने तो साल भर मास्क लगाया? साल भर सैनिटाइजर से हाथ धोए ? साल भर दोस्तों को मिलने भी नहीं गए.?

 

आपकी बात बिल्कुल सही है मैं भी मानता हूं कि आप में से करीबन 80% या करीबन 90 लोग कोरोना के नियम को मानते हैं और पूरे साल भर मान चुके हैं.

पर 10 से 20 परसेंट लोग जो यह नियम मानना नहीं चाहते उन्हीं की वजह से पूरे भारत देश की आज यह स्थिति बन गई है.

 

मैं आपको आज एक एग्जांपल देना चाहता हूं.

आपको पता ही है कि पूरे भारत में महाराष्ट्र करुणा नंबर के कैसे इसमें नंबर वन है. महाराष्ट्र में पिछले 7 दिन से संपूर्णा लॉकडाउन हैं.

फिर भी cases से कम नहीं हो रहे.

आज मैं आपको बताना चाहता हूं महाराष्ट्र के बाहर जो लोग रहते हैं उन्हें लग रहा होगा कि लाकड़ौन लग गया. लोगों की रोजगार चली गई. गरीब लोग कैसे जी रहे होंगे. लोग उनकी हालत क्या होगी.?

अरे भाई ऐसा कुछ नहीं है. यह तो लॉकडाउन के नाम पर सिर्फ न्यूज़ है. बाकी जनरल पब्लिक इसे मानने को तैयार ही नहीं है. मेरा घर रास्ते के बाजू में ही है और मैं दिन भर ऐसे कई लोगों को देखता हूं, जो बिना mask  के घूमते रहते हैं. और तो और अपने बीवी बच्चों को भी साथ में ले जाते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने किसी को भी बिना कारण घूमने की मनाई की है. लेकिन अब महाराष्ट्र की पुलिस भी थक गई है, जो यह नियम कड़ाई से लागू कराने में पीछे रह गई.

सबसे मजेदार बात तो यह है कि लोग अपना डेली रूटीन भी नहीं भूले हैं. आज भी लोग सुबह उठकर मॉर्निंग वॉक के लिए जाते हैं. पार्क में भीड़ बनाते हैं. रास्ते पर बिनधास्त घूमते हैं. सिर्फ सुबह ही नहीं घूमते, शाम को भी घूमते हैं. और अकेले नहीं अपने बच्चों को भी लेकर जाते हैं. यह सब होने के बाद सुबह-सुबह सब्जी लेने के लिए भी जाते हैं. ताकि बाहर जाने का मौका मिले.

और अगर आपके पास ऐसा कोई भी सामान नहीं है जिसे खरीदना इतना जरूरी नहीं है. तो भी आप यह सामान खरीद सकते हैं. क्योंकि दुकान वाला बंधु दुकान  के आमने सामने ही कहीं बैठा रहता है और आपका ऑर्डर मिलते ही मौका पाकर दुकान खोलकर आपको हाथों-हाथ सामान दे देता है.

ऐसा मैं सभी दुकानों में देख रहा हूं. दारु की दुकान के सामने तो वैसे भी होम डिलीवरी के नंबर लगे हुए हैं. तो दारू की तो चिंता ही नहीं. सभी प्रकार के काम बराबर चालू है सभी कंस्ट्रक्शंस चालू है.

 

अगर यह ऐसे ही रहा तो मुझे नहीं लगता कि कोरोना इतनी जल्दी कम हो सकता है, खत्म होना तो दूर की बात है.

और इसी वजह से महाराष्ट्र में कैसे बढ़ते ही जा रहे हैं. जो लोग कोरोनावायरस के चपेट में आ रहे हैं उनको भर्ती होने के लिए हॉस्पिटल भी नहीं बचे. सभी प्राइवेट हॉस्पिटल पूरी तरीके से भर गए हैं. गवर्नमेंट हॉस्पिटल me  भी एक भी वार्ड खाली नहीं है. एक बेड पर दो मरीज रखना उनकी मजबूरी बन गई है. सरकार इस बारे में नया हॉस्पिटल बनाने में असमर्थ है.

इस Blog के माध्यम से मैं अपने Readers को महाराष्ट्र के परिस्थिति के बारे में बता कर यही सूचना देना चाहता हूं कि आप अपने राज्य में यह गलतियां ना करें. वर्ना जो हाल आज महाराष्ट्र का हो रहा है और जल्दी ही आपका हो सकता है. और अगर आपके राज्य में भी यह हालत पैदा हो गई तो पूरा इंडिया एक श्मशान घाट बन जाएगा जहां जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ जाएंगे.

इसीलिए अब भी वक्त है सुधर जाओ. मास्क लगाओ. बिना mask के किसी से भी बात मत करो. बिना काम के घर के बाहर मत निकलो. अगर कोई जबरदस्ती आप से काम करवाना चाहता है तो अपनी जिंदगी और घर परिवार के बारे में सोचो. पैसा और काम आप कभी भी कर सकते हैं. पर कोरोनावायरस इनफेक्शन अगर हो गया तो आपका क्या होगा यह भगवान भी नहीं बता सकता. क्योंकि कोरोनावायरस इंफेक्शन के बाद बॉडी कैसे रिस्पांस करेंगी यह कोई नहीं बता सकता. इसलिए इस महामारी से डरिए, घबराइए और सभी तरह के नियम बरतें और खुद को, घर वालों को और पूरे इंडिया को इस महामारी से बाहर निकालने में मदद करें,

धन्यवाद.